Monday, April 13, 2009

खुदा का वासता देकर , मनालुं दूर हूँ लेकिन तुम्हारा रास्ता में, रोकलूं मजबूर हूँ लेकिन..गिला तुमसे नहीं कोई , मगर अफ़सोस थोडा है,के जिस ग़म ने मेरा दामन , बड़ी मुश्किल से छोडा है,उसी गम से मेरा फिर आज रिश्ता , जोड़ जाते हो,

7 comments:

  1. I like the beautiful sunset. Very nice blog.

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  2. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.

    एक निवेदन:

    कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें ताकि टिप्पणी देने में सहूलियत हो. मात्र एक निवेदन है बाकि आपकी इच्छा.

    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?> इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानो!!.

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  3. लिखना तो बहुत अच्छी बात है और हम लिखने की हर कोशिश की सराहना करते हैं,किन्तु मित्र पढ़ना उससे भी अच्छी बात है .क्योंकि पढ़ कर ही आप लिखने के काबिल बनते हैं इसलिए अगर आप लिखने पर एक घंटा खर्च करते हैं तो और ब्लागों को पढने पर भी दो घंटे समय दीजिये ,ताकि आपकी लेखनी में और धार पैदा हो .मेरी शुभकामनाएं व सहयोग आपके साथ हैं
    जय हिंद

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  4. आपका स्वागत है इस परिवार में. खूबसूरत रचना के साथ शुरुआत बहूत ही जानदार है ....................

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  5. ब्लौग-जगत में आपका स्वागत है..शुभकामनायें

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  6. सुन्दर लाईनो के साथ अति सुन्दर सन सेट

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