लफ़्ज़ों ने बहुत मुझको छुपाया लेकिन उसने मेरी नज़रों की तलाशी ले ली
I tried to hide behind words But she read my eyes. कितना पानी भर गया देखो ग़म की बारिश का ख़्वाबगाहों मेंनींद आये तो किस तरह आये, कौन सोता है आबगाहों मेंNothing's hidden Nothing's seen Such indeed, is your vision.
Tuesday, May 12, 2009
Thursday, April 30, 2009
Sunday, April 19, 2009
Koshy A new relation
एक नया रिश्ता कोशी बहुत से रिश्ते सुने होगे आपने जेसे पिता माँ पति पत्नी पुत्र पुत्री भाई बहिन दोस्त दुश्मन ...पर कोशी इन सब से अलग एक रिश्ता कोशी ...नहीं सुना होगा अजीब सा लग रहा होगा हे न पर हा दोस्तों मेने भी अब जाना हे इस रिश्ते को कोशी ...केसा लगेगा जब कोई आप को कहे की तू मेरा कोशी हे या तू मेरी कोशी हे ...what is this ...no yar its true a relation name koshy....चलो एक काम करते हे ....हर रिश्ते से थोडा थोडा कुछ चूराते हे ...पिता से :- स्वाभिमान, माँ से :- ममता , पुत्र से :- स्नहे , पुत्री से :- भावुकता , बहिन से :- बंधन, भाई से :- रिश्ता , पति से :- सुरक्षा, पत्नी से :- प्यार , दोस्त से :- लगाव , दुश्मन से :- बदला
इन सबको एक साथ मिला कर मिक्सी में डाल दो एक नया रिश्ता जनम लेता हे कोशी हा सच में कोशी ...मेरा रिश्ता हे तू ...मेरी.. कोशी ... हा बस कोशी और सिर्फ कोशी
Friday, April 17, 2009
REALITY IS REALITY
बुझाने के लिये पागल हवायें रोज़ आती हैं सुबह मेरे माथे पर इस कदर लहू कैसा रात मेरे चेहरे पर आईना गिरा होगा। आदमी अपने जीवन की तल्ख सच्चाइयों से लहूलुहान हो जाता है और फिर मुकद्दर को कोसने लगता है और माथे का पसीना पोंछने लगता है। जब यह शेर सुना था पहली बार,तो पहली बार,उसकी भावाभिव्यक्ति की चमक ने आकर्षित किया था। फिर धीरे-धीरे इस शेर की गहराई मेरे सामने खुलती गयी और अब मैं जब खुद उसकी गहराई में उतरने को हूँ तो लगता है कि ज़िन्दगी फिर लहूलुहान कर देगी- BUT FRNS REALITY IS REALITY..HOW MUCH I CAN RUN..MY SHADOWS.COMING SO NEAR TO ME ........एक ही रोज़..... सुबह जीता हूँ तो शाम तक मर जाता हूँ.. एक ही रोज़ कई हिस्सों में बिखर जाता हूँ... जब भी चलता हूँ, तेरे दर को, कि सुकून मिले लोग करते हैं ये सवाल, किधर जाता हूँ?? तेरी सूरत के सिवा सारा जहाँ ग़ैर लगे, अब तो आलम है कि साए से भी डर जाता हूँ... ये ना कहना तुम्हारे पास मैं नहीं होता, सुख में-दुःख में तेरी पलकों पे बिखर जाता हूँ..... ख़्वाब बिकते हैं, सुना है कि जन्नत है वहीँ, माँ!! छुड़ाकर तेरा दामन मैं शहर जाता हूँ... तुमसे शिकवा करूं, मेरी फितरत ही नही.... मैं वो शम्मा हूँ, जो शोलों में निखर जाता हूँ........ IF U LIKES Can you measure love?” Love, friendship, respect, admiration are the emotional response of a person to the virtues, values, and worth of the other
Monday, April 13, 2009
Friday, April 3, 2009
relationship
इश्क़ कैसा कि भरोसा भी नहीं
था शायद
उससे मेरा कोई रिश्ता भी
नहीं था शायद
What a love, perhaps there was no faith
Perhaps there was no relationship either
मैंने दरिया से सीखी है पानी
की पर्दादारी
ऊपर ऊपर हँसते रहना गहराई
में रो लेना
था शायद
उससे मेरा कोई रिश्ता भी
नहीं था शायद
What a love, perhaps there was no faith
Perhaps there was no relationship either
मैंने दरिया से सीखी है पानी
की पर्दादारी
ऊपर ऊपर हँसते रहना गहराई
में रो लेना
Wednesday, April 1, 2009
Be master
किनारों से ऐ नाखुदा तू दूर ही रखना वहाँ लेकर चलो तूफ़ां जहाँ से उठने वाला है
Heyyyyyyyy, boatman, keep me away from the shore Take me where the storm is about to rise
Be master of your petty annoyances and conserve your energies for the big, worthwhile things. It isn't the mountain ahead that wears you out - it's the grain of sand in your shoe.
शबे इन्तज़ार की कशमकश में ना पूछ कैसे सहर हुई कभी इक चराग़ बुझा दिया कभी इक चराग़ जला दिया
Tuesday, March 31, 2009
contents of my letter
तेरी हर याद में कहीं न कहीं, ज़िक्र मेरी भी ज़ात का होगा
In all & every memory of yours, I will be mentioned too.
में कतरा हो के समंदर से जंग लेता हु मुझे बचाना समंदर की जिमेदारी हे दुआ करना की सलामत रहे हिम्मत मेरी यह एक चिराग कई आंधियो पे भारी हे
Oh my god, how will the contents of my letter will be known That unbeliever has sworn to burn that paper खुलेगा किस तरह मजमूं मेरे मक़्तब का या रब क़सम खाई है उस काफ़िर ने काग़ज़ को जलाने की
Monday, March 30, 2009
fragile as glass
मेरे वीराने से कोसों दूर है तेरा वतन है मगर दरिया-ए-दिल तेरी कशिश से मौजज़न
Your home is furlongs away from my loneliness But your beauty causes waves in the river of my heart
When I had nothing, I desired everything Now I have everything, there is no desire
जब कुछ नहीं था पास तो सब कुछ की चाह थी सब कुछ मिला है अब के जब चाहत निकल गई
हम कहाँ जायेंगे जज़्बात का शीशा लेकर लफ़्ज़ पत्थर का तो हर शख़्स चला देता है
Where do we take these feelings fragile as glass Each person deals in flint sharp words
Capability
Parted friend
Although an old friendship was lost over a trivial matterBut at least some people were recognised for what they were
गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गयेलेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गये
While leaving, she broke all links Else, we could have parted as friends
सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जातेवर्ना इतने तो मरासिम थे कि आते जाते
क्यों कभी आसमान नही बन पाते हैं
न हुई गर मेरे मरने से तसल्ली न सही इन्तिहां और भी बाक़ी हो तो ये भी न सही If my death does not satisfy you, no problem If you wish to test my love further, no problem
पिंजरों के भी जज़्बात होते हैं
वो भी परिंदों के लिए रोते हैं
बस परिंदों के शोर में कहीं
अपनी दबी आवाज़ खो देते हैं
किसी का आशियाँ कहला सकें
इसलिए कितना जतन करते हैं
पर परिंदे हैं कि हर वक़्त उसे
अपना कहने से मुकरते हैं
कभी कभी हताश गुस्से में
शिकायत भी करते होंगे
फिर अपनी शिकायतों का क़र्ज़
अपने ही दर्द से भरते होंगे
हर जतन करते हैं ये
कभी हँसते, कभी रोते, कभी जिंदगी के गीत गाते हैं
अब कैसे समझाऊँ मैं इनको
ये क्यों कभी आसमान नही बन पाते हैं
वो भी परिंदों के लिए रोते हैं
बस परिंदों के शोर में कहीं
अपनी दबी आवाज़ खो देते हैं
किसी का आशियाँ कहला सकें
इसलिए कितना जतन करते हैं
पर परिंदे हैं कि हर वक़्त उसे
अपना कहने से मुकरते हैं
कभी कभी हताश गुस्से में
शिकायत भी करते होंगे
फिर अपनी शिकायतों का क़र्ज़
अपने ही दर्द से भरते होंगे
हर जतन करते हैं ये
कभी हँसते, कभी रोते, कभी जिंदगी के गीत गाते हैं
अब कैसे समझाऊँ मैं इनको
ये क्यों कभी आसमान नही बन पाते हैं
Sunday, March 29, 2009
Saturday, March 28, 2009
पशेमां लाश
तस्वीर कुछ कहती है, गिद्दों और भेडियों से बचाओ इन्हें
वो आये हैं पशेमां लाश पर अब तुझे ऐ ज़िन्दगी लाऊँ कहाँ से
Now they visit me. when I am
dead, out of shame, Where can I
find you, o life
धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को
हटाकर देखो वो सितारा है चमकने दो यूँ ही आँखों में क्या ज़रूरी है
उसे जिस्म बनाकर देखो
Move out in the sun, bathe in the clouds See life for yourself,
not through books Life is a star, let it shine on [enjoy it] It is not
necessary to analyse it ...
वो आये हैं पशेमां लाश पर अब तुझे ऐ ज़िन्दगी लाऊँ कहाँ से
Now they visit me. when I am
dead, out of shame, Where can I
find you, o life
धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को
हटाकर देखो वो सितारा है चमकने दो यूँ ही आँखों में क्या ज़रूरी है
उसे जिस्म बनाकर देखो
Move out in the sun, bathe in the clouds See life for yourself,
not through books Life is a star, let it shine on [enjoy it] It is not
necessary to analyse it ...
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