Tuesday, March 31, 2009

contents of my letter

तेरी हर याद में कहीं न कहीं, ज़िक्र मेरी भी ज़ात का होगा
In all & every memory of yours, I will be mentioned too.
में कतरा हो के समंदर से जंग लेता हु मुझे बचाना समंदर की जिमेदारी हे दुआ करना की सलामत रहे हिम्मत मेरी यह एक चिराग कई आंधियो पे भारी हे
Oh my god, how will the contents of my letter will be known That unbeliever has sworn to burn that paper खुलेगा किस तरह मजमूं मेरे मक़्तब का या रब क़सम खाई है उस काफ़िर ने काग़ज़ को जलाने की

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